Friday, November 18, 2011

महकते फूल

महकते फूल


बाग़  में खुशबू  फैल गई , 
बगिया  सारी  महक  गयी,
रंग-बिरंगे  फूल खिले, 
तितलियाँ  चकरा  गईं,
लाल ,पीले ,सफ़ेद  गुलाब ,
गेंदा  , जूही ,खिले  लाजवाब ,  
नई पंखुरियां  जाग   गयी,
बंद  कलियाँ झांक   रही . 
चम्पा , चमेली , सूर्यमुखी ,
सुखद  पवन गीत  सुना  रही, 
महकते फूलों  की क्यारी , 
सब के  मन को लुभा  रही,   
धीरे से छू कर देखो खुशबू ,  
तुम  पर खुश्बू  लुटा  रही,
महकते  फूलों की डाली,  
मन ही मन इतरा  रही ,  
हौले  -हौले  पाँव   धरो,  
भंवरों   की गुंजार    बड़ी,
ओस  की बूंदे  चमक  रहीं , 
पंखुरिया  हीरों  सी  जड़ी,
सब को सजाते  महकते फूल ,  
सब को रिझाते  महकते फूल,   
महकते फूलों से सजे  द्वार ,
महकते फूल बनते  उपहार ............      






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