Monday, February 25, 2013

साड़ी-पुराण

  साड़ी-पुराण
एक विशाल हाल में साड़ियों की सेल लगी,
जगह-जगह इश्तहार पढ़ कर औरतें वहाँ आने लगी,
सुबह दस से शाम पांच बजे तक ललनाओं की भीड़ जमने लगी,
पच्चीस प्रतिशत की छूट पर पुरानी साड़ियों के बदले नयी साड़ियां बिकने लगी |1
पति खुश कि सुबह का नाश्ता समय पर मिलने लगा,
आॉफिस में बॉस खुश कि बातें कम और काम जल्दी होने लगा,
अच्छे बच्चे स्कूल देर से नहीं जाते बच्चा ठीक समय पर पहुँच गया,
स्कूल में टीचर का साड़ी-पुराण पर प्राजैक्ट शुरु हो गया |  2
काश्मीर की साड़ी पांच गज़ की,यू.पी की साड़ी छः गज़ की,
महाराष्ट्र की साड़ी नौ गज़ की,कलकत्ता की साड़ी बारह हाथ की |
इन्दौर की होती है पटोला साड़ी,राजस्थान की होती है बांधनी साड़ी,
महाराष्ट्र की होती है पैंठनी साड़ी,बनारस की होती है आरगैंजा साड़ी | 3
बंगाल की होती है ढाकाई साड़ी,गुजरात की होती है पाणेतरी साड़ी,
दक्षिण की होती है धर्मावरम साड़ी,
टस्सर,मैसूरी,कोसा होती हैं रेश्मी साड़ी| 4
 पल्लू और बार्डर की रंग-बिरंगी साड़ियाँ,
द्रौपदी को दे दी कृष्ण ने अनगिनत साड़ियाँ,
इम्पोर्ट और एक्सपोर्ट होती रहती साड़ियाँ,
धोबी-घाट पर लटकती सुन्दर साड़ियाँ | 5
हाल के अन्दर कुछ साड़ियाँ लटकी थीं,
कई मिलों की रंगीन  प्रिटिंड  साड़ियाँ मेज़ों पर सजी थीं,
सूती साड़ियाँ पत्थर के बुतों को सजा रहीं थी,
कांजीवरम की साड़ियाँ सेल्स गर्लस ने पहन रखी थीं | 6
वीरांगनाओँ का झुंड का झुंड साड़ियाँ ऊपर नीचे करने लगा,
किसी के हाथ पल्लू तो किसी के हाथ दूसरा छोर लगा,
“मुझे वह दिखाओ” ,”यह नहीं”,वह वाली का शोर मच गया,
“वह सेल्स गर्लस वाली”,”नहीं दूसरे कलर वाली दिखाओ” का हंगामा हो गया | 7
“अरे पाच गज़ की नहीं”,”छः मीटर वाली दिखाओ”,
अरे ! यह तो फटी हुई है,कोई अच्छी सी नयी सी बताओ,
फांसी के लिए नहीं,कोई फैन्सी साड़ी दिखाओ,
किचन के लिए नहीं,पड़ौसिन को तड़पाने(जलाने) वाली दिखाओ | 8
सेल्स गर्लस बोली-मैडम,पच्चीस प्रतिशत छूट वाली सेल है,
एक्सपोर्ट क्वालिटी है,बहुत बढ़िया माल है,
इसका रंग खराब नहीं,डबल शेडिड वाली है,
फॉरेन लोगों की पसन्द का रखा गया ख्याल है | 9
“बहनो-किसी को उपहार देने के लिए ले जाइए,
चार पुरानी देकर एक नयी साड़ी ले जाइए,
खाली हाथ मत जाइए,मौके का फायदा उठाइए,
अपना भारी पर्स हलका करते हुए जाइए | 10
सेल का समय समाप्त हो गया,
खचाखच भरा हाल खाली हो गया,
तिजौरी देख कर मालिकों का हृदय गद्गद् हो गया,
साड़ियों का स्टॉक आधा रह गया | 11
सूचना-“बहनों ! धन्यवाद !
एक साल बाद फिर आना, कर हमारा हौसला बढ़ाना,
ये आपकी पुरानी साड़ियां गोदाम में भेजी जांएगी,
एक साल बाद नयी हो कर बाहर आएंगी,
पचास प्रतिशत की छूट पर बिकेंगी,
आशा है आप इसका पूरा-पूर फ़ायदा अवश्य उठाएंगी | 12
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 फेब्रुअरी  1980



ऋतुएँ (नन्हे-मुन्नों के लिए)

 ऋतुएँ (नन्हे-मुन्नों के लिए)
(भारत की छः ऋतुएँ-ग्रीष्म,वर्षा,शरद,हेमन्त,शिशिर और वसंत)
एक ऋतु आए एक ऋतु जाए,
बच्चों के मन लुभाती जाए.

गरमी की ऋतु आए, गरम हवा लाए,
कोई पिए ठंडा पानी,कोई पिए नींबू पानी.
फिर भी चैन आए,क्या करें हम क्या करें.1

वर्षा ऋतु आए,काली घटा छाए,
उमड़-घुमड़ बादल गरजे, झम-झम- झम-झम पानी बरसे,
कागज की नाव चलाएँ,छाता ले कर बाहर जाएँ.2

शरद ऋतु आए,त्यौहार ले कर आए,
पूनम की रात आए,गोपियां रास रचाएँ,
दीवाली में दीप जलाएँ, बहन भाई को टीक लगाएँ.3

हेमन्त ऋतु आए, घर-घर खुशियाँ लाए,
खेतों में फसल लहराए, आशा की ज्योत जगाएँ,
साथी को हम हाथ बढा़एँ,मिल कर बोझ उठाएँ.4

शिशिर ऋतु आए, सरदी लेकर आए,
आसमान से बर्फ गिरे,ठंडी-ठंडी हवा चले,
संक्रात का दिन मनाएँ, सब मिल कर पतंग उड़ाएँ.5

वसन्त ऋतु आए,कोयल  कूक सुनाए,
झूम-झूम गाएं,झूम-झूम नाचें,
रंग रंगीली होली आए, अबीर-गुलाल उड़ाती आए.6

एक ऋतु आए एक ऋतु जाए,
बच्चों के मन लुभाती जाए.
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दिसम्बर 2008