Friday, January 31, 2014

'माँ को नमन'

'माँ को नमन'

यह जीवन का कड़वा सच है
सब को संसार छोड़ कर जाना है
मेरी माँ को भी छोड़ कर जाना पड़ा
मुझे सूनापन  सहना पड़ा
उसकी मुलायम गोदी की याद आती है
उसकी हर बात याद आती है
उसकी अवाज़ कानों में गूँजती है
मन नहीं मानता कि वह अब नहीं है
मैंने माँ को अच्छी तरह समझा है
उसकी सहनशीलता को परखा है
कभी- कभी उसको तड़पते देखा है
उसके बिना जीवन अधूरा लगता है
उसके लाड-प्यार में जीवन बिताया है
पीपल की घनी छाया को पाया है
जो संस्कार उसने दिये हैं
उनको ज़रूर निभाना है
उसको कभी दुखाया भी होगा
शायद उसको रूलाया भी होगा
उसने मुझे क्षमा भी किया होगा
मेरा मार्ग दर्शन भी  किया होगा
इसी लिए मुझे माँ से बहुत प्यार है
उसको भुला पाना अति कठिन है
मुझे  उसकी हर सज़ा स्वीकार है
मेरा माँ को शत शत नमन है |










Wednesday, January 22, 2014

ढेर सा…………..

जगह जगह लगे हैं कूड़े के ढेर
भिनभिनाती मक्खियों के ढेर
फैल जाती बीमारियों के ढेर
ड़ाक्टर पाते सिक्कों के ढेर
शहरों में ढेर सारी सुविधाएँ
गांवों में ढेर सारी दुविधाएँ
श्रमिकों की ढेर सारी उपेक्षाएं
युवकों की ढेर सारी अपेक्षाएँ
होती हैं ढेर सारी डिग्रियां
पाते हैं ढेर सारी बधाईयाँ
नहीं मिलती ढेर सारी नौकरियां
बेकार होती ढेर सारी उपलब्धियाँ
मुठभेड़ में कितने ढेर हो जाते
आतंकी कितनों को ढेर कर देते
जनता कहे ढेरों शहीद हो जाते
नेता कहे ढेरों बलिदान हो जाते 
नेताओं की ढेर सारी सभाएं
लम्बी ढेर सारी बातें बनाएं   
व्यवस्थाएं ढेर सारी सुझाएं
नाकामयाबियां ढेर सारी पाएँ
सत्याग्रही को मिलते आश्वासन ढेर
धीरज रखो संघर्ष करो ढेर
रखो वातावरण शांत ढेर
नया सूरज लाएगा परिवर्तन ढेर |
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