Monday, March 31, 2014

घर का नवीकरण - एक उत्सव


घर का नवीकरण - एक उत्सव             
        वास्तु शास्त्र के अनुसार जिस घर में बहुत टूटा फूटा सामान जमा हो गया हो या घर की दीवारों में दरारे पड़ी हों,तो घर के प्रत्येक सदस्य पर उसका बुरा  प्रभाव पड़ता है | उस घर को बेच देना चाहिये अथवा उसका  नवीकरण ,पुनरुद्धार करवा लेना चाहिये | अगर  पुनरुद्धार  किये जाये तो घर ढह भी सकता है क्योंकि बरसात के मौसम में दीवारों से पानी टपकने लगता है| जिसके कारण दीवारें कमज़ोर हो जाती हैं
       घर का  नवीकरण अर्थात पुराने घर की मरम्मत करवाना और नये घर के रूप  मेंबदलना |  जब घर में कहीं भी कई ऐसे उपकरण जो बेकार हो चुके हैं और अब उनकी  मरम्म्त भी नहीं हो सकती | उन को बेच देना ही ठीक होता है | कोई दुकानदार उन्हें  ठीक करने में कोई दिलचस्पी भी नहीं रखता क्योंकि वैसा सामान अब नहीं बनता | बाज़ार में प्रतिदिन नयी कम्पनियाँ नये ढंग के उपकरण ला रहीं हैं और उनके मालिक उनकी प्रसिद्धी के लिये प्रदर्शिनी लगाते हैं  अथवा  त्योहारों के समय  कई प्रतिशत की छूट पर बाज़ार में बिक्री लगाते हैं |जनता को  माल खरीदने के लिये प्रोत्साहित करते हैं | पुराने के बदले नया लो का नारा लगाते हैं |
              एक महाशय जिनका घर बहुत बड़ा था और घर में बहुत सदस्य थे  |उनके घर की दीवारों में दरारें हो  चुकी थीं और समान भी बहुत पुराना लगता था | इस लिये उनके सदस्यों ने अपना घर बेच कर नया घर खरीदने की योजना बनाई | लेकिन नया घर उनको बहुत महंगा लगा | एक दिन सभी सदस्य  बच्चों से लेकर बूढ़ों तक  इकट्ठा हुए और विचार किया कि घर का नवीकरण करवा लेना ही ठीक होगा | सब की राय पूछी कि वह घर में क्या बदलाव चाहता है | पैसे की कोई कमी नहीं  क्योंकि दादाजी सब जिम्मेदारी ले रहे थे | सबसे पहले गृहिणी ने कहा कि फर्श का डिज़ाइन बदलो, फ्रिज ठीक नहीं चल रहा,चूल्हा नया लो,वॉशिंग मशीन चाहिये ,नये उपकरण चाहिये आदि | बच्चों ने खेलने के लिये एक अलग कमरे की मांग की क्योंकि जब वे शोर मचाते हैं तो बुज़ुर्गों को तकलीफ होती है | युवा लोगो ने कहा की सारे घर की टाईलें बदले,फर्नीचर नया लो,परदे पुराने हो चुके हैं,शयनकक्ष नये ढंग का, स्नानगृह आधुनिक ढंग का,जैसे गीज़र ,नल आदि | सब की बातोँ पर विचार किया गया |  कई आर्किटेक्ट तथा डिज़ाइनरों को बुलवाया गया  अपनी आवाशयकताएं बताईं | किसी ने कुछ सलाह दी तथा किसी ने कुछ |सबने अलग अलग बताया कि कुल कितना खर्चा होगा और कितना समय लगेगा | अगर सारा घर पूरा खाली कर दें तो काम ज़ल्दी हो जायेगा | लेकिन  उन्होंने सोचा कि कभी कभी निरीक्षण भी करना पड़ेगा कि काम कैसा हो रहा हैं तो देखने आना ही पड़ेगा | अगर कुछ महीनो के लिये किराये का घर ले तो खर्चा बहुत  बढ़ जायेगा | अंत में फैसला हुआ कि दो दो कमरे खाली कर देंगे | सब ने यही उचित समझा | अब प्रश्न हुआ कि कौनसा सामान कौनसी कंपनी से खरीदा जाए | प्रत्येक सदस्य को ज़िम्मेदारी सौंपी गयी कि पता लगाये कि किस  कम्पनी का सामान सस्ता तथा अच्छा है और वह कितने प्रतिशत छूट देंगे | घर में एक उत्सव का माहौल बन गया |सभी इस काम में लग गये | कोई किसी कम्पनी अथवा दुकान में गया | कोई अपने मित्रो से पूछताछ करने लगा | समाचार पत्रों तथा मैगज़ीनों में छपे इश्तहार बड़े ध्यान से पढ़ने  लगे | घर में भाग दौड़ सी मच गयी |किसी के पास एक दूसरे के साथ बात करने का समय नहीं | जिससे पूछो तो उत्तर थे बाद में |सभी पहचान वालों को खबर पहुँच गई  कि उनके घर का नवीकरण होने वाला है | सभी सदस्यों ने जल्दी जल्दी  अपनी लिस्टें दादाजी को दे दीं  |क्योंकि खर्चे की ज़िम्मेदारी उनकी थी |दादाजी ने थोड़ी बहुत तब्दीली कर सब की बातें मान ली| थोड़ा बहुत वस्तु शास्त्र के अनुसार भी नवीकरण का काम आरंभ हो गया |
        अब प्रश्न हुआ की  कौनसा कमरा सबसे पहले करवाया जाये | वह भी निश्चित हो गया कि सबसे पहले रसोईघर का काम होना चाहिये क्योंकि खाना तो सब वहीं से खातें है | वह किसी एक विशेष व्यक्ति का स्थान नहीं है | गृहिणी अति प्रसन्न हुई कि अब सब कुछ नया होगा जैसा उसने अपनी शादी के बाद अपने नये घर में बनवाया था| अब रसोई घर खाली होने लगा | बड़ी हलचल हो गयी| सबसे छोटा बच्चा भी सहायता करने लगा |एक एक चम्मच,अपना दूध का गिलास आदि उठकर बाहर रखने लगा उसको देखकर सब में होड़ लग गयी कि सबसे अधिक सामान कौन उठाकर लाता है | चार घंटे में रसोईघर खाली हो गया |कोई बेलन और कटोरी से क्रिकेट खेलने लगा तो कोई गुल्ली डंडा, किसी ने  नाली  के पम्प को हनुमान की गदा बनाली, तो कोई गिलास को बेलन से तमाशा करने लगा,कोई थाली को सुदर्शनचक्र बनाकर कृष्ण की तरह घुमाने लगा | तो कोई चाय की केतली से फूलों पर पानी छिड़कने लगा | युवक कड़छी,थाली,कटोरी,चम्मच,गिलास,पतीला आदि बरतनो  को बजाकर एक जलतरंग की तरह एक गाने की धुन बजाने लगे |  बच्चे बड़ी  खुली जगह देखकर भाँगड़ा करते हुये बल्ले-बल्ले गाने लगे |कोई कोई तो ऐसी वस्तुएं मिली जो कई वर्षों से गायब थीं |और कई कबाड़िये के लिये वस्तुएं मिली जिनको एक जगह इकठा किया गया | ताकि बेचने में आसानी हो |
           उत्सव का काम बढ़ने लगा | कारीगर आने-जाने लगे | कोई  टाईलें लाने लगा तो कोई सीमेंट | कभी बिजली वाला आने लगा तो कभी प्लम्बर | कभी कुछ तोड़ने वाला तो कभी कुछ जोड़ने वाला | कभी पेन्टिंग वाला तो कभी पुराना सामान खरीदने वाला,कभी बिजलीवाला तो कभी बढ़ई | हरेक के साथ उसके तीन-तीन मददगार |सुबह नौ बजे से शाम छे: बजे तक इस तरह ताँता लगा रहता |अब उखाड़ने और मशीनों से शोर हो गया| जो असहनीय था | सारे कमरे धूल से भर गये  घर का कोई सदस्य होटेल में रहने चला गया | तो कोई अपने मित्र के यहाँ | कोई ससुराल तो कोई मायके | दादाजी और एक दो सदस्य नहीं जा सके क्योंकि मरम्मत की चौकसी कौन करता | कभी खाना होटेल से आने लागा तो कभी पाव-वड़ा से काम चलने लगा | रसोईघर बनने में एक महीना लग गया | और खाना घर में ही पकने लगा  | अब चार दिन क़ा विश्राम घोषित कर दिया | सब लौट आएऔर अपने-अपने कमरे व्यवस्थित कर  लिए |  .
नवीकरण के काम से सारा घर धूल से भरा रहता था | इस लिये फैसला हुआ कि जिसका कमरा नवीकरण के लिये लिया जायेगा वही वहां रहेगा और मुँह पर पट्टी बाँध कर रहे |बाकी के सदस्य रहने के लिये होटेल में जाकर रहेंगे | क्योंकि धूल से सब के स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड सकता है |
        फिर तय हुआ की अब दादाजी के कमरे का नवीकरण हो जाये| सभी उनका ख्याल रखने लगे | उसका राज़ था कि सब पैसा तो वही खर्च करनेवाले थे | आठ दिनों में दादाजी का कमरा ठीक हो गया और वे खुश हो गए | अब नवीकरण का उत्सव फिर शुरू हो गया | घर एक रेलवे प्लेटफार्म की तरह हो गया | कहीं  बैग तो कहीं गठरी, किसी ने अपना समान प्लास्टिक के थैलों में बंद कर दिया तो किसी ने ढक कर दूसरों के कमरों रख दिया | सब में होड़ थी कि उसका कमरा  सबसे बढ़िया बने | दीवारों पर अपने मनपसंद रंग लगवाए |अपनी पसंद के पर्दे खरीदे,अलमारियों के प्लाइवुड बदले |जैसे तैसे घर का नवीकरण का कार्यक्रम चार महीनों में समाप्त हो गया |
 इसके बाद घर के सब सदस्यों ने मिलकर एक पण्डित से गृह प्रवेश की पूजा करवाई |  सब के जाने पहचाने तथा मित्रों ने कहा वे उनका घर देखना चाहते है | दादाजी ने कहा कि वे एक पार्टी करते हैं | जिसको जिसे भी आमंत्रण देना हो दे | और उन्हें बता दें कि कितने लोग आयेंगे| सबने जल्दी ही बता दिया |सभी बड़े  उत्साहित हो गये | एक दिन निश्चित कर दिया | पार्टी तो घर में ही होनी थी  क्योंकि यह घर के नवीकरण की पार्टी थी | अतिथियों का खूब स्वागत हुआ  |सब ने खूब तारीफ़ की | शुभकामनाएं दीं | अब किसी किसी सदस्य ने अपनी अलग पार्टी करने की सोची | महिलाओं ने हर महीने अपने घर में किट्टी पार्टी करने का निर्णय किया | लेकिन दादाजी ने कहा कि उनकी निजी पार्टियाँ उनके अपने पैसों से ही होंगी | सब मान गये | सब ने अपनी-अपनी पार्टियों के दिन निश्चित कर लिये  | कुछ-कुछ नयी वस्तुएं सब अपने स्वभाव के  अनुसार लाने लगे और सब खुशी-खुशी रहने लगे | नवीकरण से घर बिल्कुल नया घर लगने लगा | नवीकरण का उत्सव समाप्त हो गया |