Sunday, March 22, 2015

चिड़िया घर की रेल चली


रेल चली भाई रेल चली,   चिड़िया घर की रेल चली ,

आगे बैठे बन्दर मामा , पीछे उनकी दुल्हन जी ,

तीतर, मोर, पपीहा बैठे, इनको जाना दिल्ली जी,

शेर शेरनी सिग्नल देंवें , भागो रेल ना छूटे जी,

हाथी-हथिनी चाय पिलायें, और गरम पकोड़े जी,

ऊंट- ऊंटनी भागते आये, हाए ! उनको जाना जयपुर जी,

भालू दादा टिकिट भूल गए, छूटी उनकी रेल जी.....
रेल चली भाई रेल चली ..*****

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