महकते फूल
बाग़ में खुशबू फैल गई ,
बगिया सारी महक गयी,
रंग-बिरंगे फूल खिले,
तितलियाँ चकरा गईं,
लाल ,पीले ,सफ़ेद गुलाब ,
गेंदा , जूही ,खिले लाजवाब ,
नई पंखुरियां जाग गयी,
बंद कलियाँ झांक रही .
चम्पा , चमेली , सूर्यमुखी ,
सुखद पवन गीत सुना रही,
महकते फूलों की क्यारी ,
सब के मन को लुभा रही,
धीरे से छू कर देखो खुशबू ,
तुम पर खुश्बू लुटा रही,
महकते फूलों की डाली,
मन ही मन इतरा रही ,
हौले -हौले पाँव धरो,
भंवरों की गुंजार बड़ी,
ओस की बूंदे चमक रहीं ,
पंखुरिया हीरों सी जड़ी,
सब को सजाते महकते फूल ,
सब को रिझाते महकते फूल,
महकते फूलों से सजे द्वार ,
महकते फूल बनते उपहार ............
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