छुट्टियां बीत गईं रातों की नींद गईं
छुट्टियां बीत गईं रातों की नींद गईं
उठा आलस छोड़ा स्कूल की ओर दौड़ा
इमारत वही प्रिन्सिपल वही
घड़ी वही घण्टी वही
कमरे वही कुर्सियां वही
शिक्षिका वही चपरासी वही
पर कमीज़ नयी पैन्ट नयी
बैग नया जूता नया
पुस्तकें नयी कापियां नयी
इतिहास नया गुजरा ज़माना
नेहरू का जाना मोदी का आना
गरमीका जाना बरखा का आना
दो का जोड़ पुराना
न बदल सका ज़माना
कुछ नया ज्ञान पाना
बस यही दुनिया को है दिखलाना…………
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