A ROMANTIC POEM BY SANTOSH GULATI
तेरे बाद
तेरे जाने के बाद ,घड़ियाँ इंतज़ार की , हुई नहीं समाप्त ,
समय बीता जाए , क्या करूँ हाय , समझ में न आये .
कहाँ गए तेरे वादे ,
मिलेंगें सांझ –सवेरे ,घर की छत पर , या गली के किनारे ,
किसी खेत में ,या नदी किनारे ,कैसे भूलूँ वो घडियां ,
वो सुंदर सपने, चांदनी रात की सफेदी , नौका विहार की बातें .
लौट कर यह मत कहना ,
ज़माना बदल गया ,मौसम बदल गया ,दिन रात बदल गए ,
बिल्डिंगें ऊंची हो गयीं ,सड़कें चौड़ी हो गयीं फैशन बदल गए ,
लोग बदल गए , और मैं भी इस तरह बदल गया .
तेरे आने के बाद
फिर मुझे भी बदलना होगा, ज़माने के साथ चलना होगा ,आई लव यू कहना होगा ,
शायद मैं इतनी आगे बढ़ जाऊं, कि तुझे पछताना होगा ,
तेरे आने के बाद, होंगी बातें बाकी ,कोई शिकायत न रह जाए बाकी .
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