Tuesday, November 27, 2012

तेरे बाद

A ROMANTIC POEM BY SANTOSH GULATI    
तेरे बाद
तेरे जाने  के  बाद ,घड़ियाँ  इंतज़ार  की , हुई  नहीं  समाप्त ,
समय  बीता जाए , क्या  करूँ हायसमझ   में    आये .
कहाँ  गए  तेरे  वादे ,
मिलेंगें  सांझसवेरे ,घर की छत पर  , या  गली   के किनारे  ,
किसी खेत में   ,या नदी किनारे  ,कैसे  भूलूँ वो  घडियां  ,
वो सुंदर सपने,  चांदनी रात की सफेदी , नौका विहार की बातें  .
लौट कर यह मत कहना  ,
ज़माना  बदल गया  ,मौसम बदल गया  ,दिन रात बदल गए  ,
बिल्डिंगें  ऊंची  हो गयीं  ,सड़कें  चौड़ी  हो गयीं  फैशन  बदल गए  ,
लोग बदल गए  , और  मैं भी इस तरह बदल गया .
तेरे आने के बाद
फिर मुझे भी बदलना होगा, ज़माने के साथ चलना होगा ,आई लव यू कहना होगा ,
शायद मैं इतनी आगे बढ़ जाऊं,  कि  तुझे पछताना होगा ,
तेरे आने के बाद, होंगी बातें बाकी ,कोई शिकायत रह जाए बाकी .
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