खिलती कलियाँ
रंग -बिरंगी खिलती कलियाँ,
गूंजे भँवरे उड़ती तितलियाँ ,
सूर्य -किरणे अब फैल गईं ,
कलियों का घूंघट खोल गयी
कली -कली को देख रही ,
देख -देख कर हंस रही,
मस्त पवन का झोंका आया ,
मीठे सुर में गीत सुनाया,
डाली -डाली लगी लहराने,
क्या मस्ती भी लगी छाने ,
देख-देख मन लुभाया ,
कली -कली का मन इतराया,
कितनी कलियाँ एक बगीचा ,
माली ने सब को है सींचा,
सींच-सींच कर बड़ा किया ,
सब का मन हर लिया ,
ए माली मत हाथ लगाना,
कुम्हला न जाएँ इन्हें बचाना,
कली को फूल बदलते देखो ,
महकते फूलों की फुलवारी देखो…. .........
महकते फूल
बाग़ में खुशबू फैल गई ,
बगिया सारी महक गयी,
रंग-बिरंगे फूल खिले,
तितलियाँ चकरा गईं,
लाल ,पीले ,सफ़ेद गुलाब ,
गेंदा , जूही ,खिले लाजवाब ,
नई पंखुरियां जाग गयी,
बंद कलियाँ झांक रही .
चम्पा , चमेली , सूर्यमुखी ,
सुखद पवन गीत सुना रही,
महकते फूलों की क्यारी ,
सब के मन को लुभा रही,
धीरे से छू कर देखो खुशबू ,
तुम पर लुटा रही,
महकते फूलों की डाली,
मन ही मन इतरा रही ,
हौले -हौले पाँव धरो,
भंवरों की गुंजार बड़ी,
ओस की बूंदे चमक रहीं ,
पंखुरिया हीरों सी जड़ी,
सब को सजाते महकते फूल ,
सब को रिझाते महकते फूल,
महकते फूलों से सजे द्वार ,
महकते फूल बनते उपहार ............
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