योग्य
वर और वधू की खोज
रामायण तथा महाभारत काल से चलती आ रही वर तथा
वधू की खोज में स्वयंबर के दृश्य आज भी नज़र आते हैं | योग्य वर के लिये कई शर्ते
रखी जाती थीं| पुराणों के अनुसार विवाह आठ प्रकार के माने
जाते हैं जिसमें प्रेम विवाह आज भी बड़े ज़ोरों से प्रचलित है |बदलते समय के साथ प्रेम
विवाह बड़ी आम बात हो गयी है |इसमें कोई जाति,धर्म अथवा भाषा का बंधन नहीं होता |यह
इक्कीसवी सदी के लोगों के विचार हैं | उनको लगता है कि प्रेम विवाह अधिक सफल होते हैं
|अगर कोई प्रेम विवाह न कर सका तो उनको दूसरा रास्ता ढूंढना पड़ता है | उन
युवक तथा युवतियों को योग्य वर और वधू की खोज में
थोडी कठिनाई हो जाती है | लेकिन इस बात को कई माध्यमों ने आसान कर दिया है |
सबसे सुगम तरीका है टीवी और इंटरनेट पर खोज करना |
आजकल तो यह एक धंधा भी हो गया है | कई युवक तथा युवती योग्य साथी पाने में सफल भी हो जाते हैं | और कई असफल | इसमे धोखा खाने
का अवसर भी होता है | जो इस तरह के विवाह नहीं कर सकते उनके लिये
कई संस्थाएं भी काम कर रहीं हैं | यह आजकल एक फ़ैशन हो गया है कि
लड़का और लड़की पहले आपस में मिलते
हैं | अब यह रिश्ते आपसी कुटुम्बो में नहीं होते | अगर ठीक लगा तो माँ-बाप के साथ बात आगे बढ़ती
है | इसको लड़का और लड़की अपनी
निजी बात समझते है | सभी
ऊंचे
खानदानवाला,अच्छी नौकरी वाला,आत्म–निर्भर,उसकी हर बात में हाँ में हाँ मिलानेवाला साथी ही पसंद करते हैं | कई लोगों से परिचय करने पर पता चला कि
उन्हें किस प्रकार के लड़के तथा लड़कियों से किस तरह से मुलाकातें करनी पड़ी और वे
कई खुश भी हुए और कई बस समय बिताकर चलते बने | उनकी
वर अथवा वधू ढूंढने की खोज के परिणाम क्या हुए | वे कहाँ तक सफल हुए |
ज़रा देखें |एक बार माँ अपनी बेटी को किसी शादी में ले गयी | शायद वहां कोई नौजवान पसंद आ जाये| एक लड़का मिला | भाषा अलग,खान-पान अलग | माँ बेटी से कहे कि वह लड़के से कुछ बात करे | वह देखना चाहती थी कि दोनो आपस में क्या बातें करते हैं | बेटी ने कह दिया कि वह मांसाहारी है और लड़का पक्का शाकाहारी | उनकी आपस में नहीं बन सकती |माँ बड़ा ज़ोर लगा रही थी कि लड़की कैसे मान जाए | और उनका विवाह हो जाए ताकि उसकी ज़िम्मेदारी समाप्त हो जाये |लेकिन लड़की वहां से उठकर चली आई |
दूसरा किस्सा-लड़कें-लड़कियां घर में माँ-बाप के सामने नहीं मिलते परन्तु किसी कैफ़े या किसी बड़े होटेल के कमरे में मिलना अधिक पसंद करते हैं | लड़का-लड़की किसी होटेल में मिले | लड़का बार-बार आपनी बहूकीमती घड़ी की तरफ देखने में लगा हुआ था और अपनी महगी से महंगी वस्तुओं का बखान करता जा रहा था | लड़की में शायद वह इतनी दिलचस्पी नहीं ले रहा था जितनी कि वह अपनी जायदाद में | लड़की भी अत्यन्त चुस्त थी | उसने अपने सँवारे हुए बाल झटकाए और अपना कीमती पर्स घुमाते हुए कहा,`आपको खरीदने के लिये मेरे बाप के पास पैसे नहीं`| और उठकर चली आई |
एक और किस्सा | तीन चार महीनों तक योग्य वर और वधू की खोज में लड़का-लड़की मोबाइल पर बात करते रहे कभी हाँ और कभी न करते |मिलने का वादा करते | थोड़े दिन चुप रहते | फिर बातचीत शुरू हो जाती | वह दिन आ ही गया जब दोनो ने मिलने का प्रोग्राम निश्चित कर ही लिया | लड़का कैफ़े में समय से पहले ही पहुँच गया | सिगरेट फूंकनी शुरू की | इतने में लड़की को आता देख सिगरेट बंद कर दी और उसका स्वागत करते हुए लड़की को बैठने के लिये कहा | लड़की उस को देख कर हैरान कि यह वह लड़का नहीं था जैसी उसने अपनी फ़ोटो भेजी थी | लड़की ने बैठते हुए प्रश्न किया कि वह अपने बारे में कुछ बताए | लड़के ने बताया कि वह उस लड़के का भाई था | उसके भाई को काम था इसलिये उसने उस को भेज दिया कि लड़की निराश न हो| अगर पसंद आये तो वह शादी कर सकता है |यह बात उनकी माँ ने चलायी थी और वे अपनी माँ को मना नहीं कर सकते थे | लड़की यह कह कर खड़ी हो गयी कि उसको उसमे कोई दिलचस्पी नहीं हैं | और एक सैकण्ड में कैफ़े से बाहर आ गयी | लड़का देखता रह गया |
एक और बात | लड़की होटेल में निश्चित समय से
पहले ही पहुँच गई | जैसे ही लड़का वहां पहुँचा लड़के ने अपनी कमीज़ के बट्टन खोल दिये
जैसे कि वह अपने आपको बड़ा सैक्सी दिखाकर लड़की को लुभा देगा | लड़की डर गयी कि वह
वहां क्या करने आया था | लड़की ने सोचा कि उसको एक थप्पड
मारे और वहां से चली जाए | क्या उसे ऐसा जीवन साथी मिलेगा जिस को सेक्स के सिवाय कुछ
ओर आता ही नहीं | उसने दोनो हाथ जोड़ कर नमस्ते की और बाहर आ गयी |
कितनी निराशा होती होगी जब ऐसे लोगो से
मुलाकात होती है | और बात आगे बढ़ने का मौका ही नहीं मिलता | एक बार एक लड़का
पण्डित से पूछ रहा था कि कुछ दिनों में वह शादी करने वाला है परन्तु उसके पास कोई
नौकरी नहीं | वह क्या करे? समझ में नहीं आता कि ऐसे लड़के शादी क्यों करते हैं जब कि
घर चलाने के लिये उनके पास कोई साधन ही नहीं | शायद यह समझते हैं कि शादी के बाद
लड़की अपने माँ-बाप से पैसे ले आयेगी या वह घर जमाई बन जायेगा | या लड़की की कमाई पर जीवन बिताएगा | और
सारी उम्र लड़की को धोखे में ही रखेगा कि वह क्या करे वह कोशिश बहुत करता है परन्तु
नौकरी नहीं मिलती |लेकिन इसका परिणाम कभी हत्या, आत्महत्या, सम्बंधविच्छेद,कोर्ट
कचहरी के चक्कर ही होते हैं |जब आयु तीस-बतीस पार कर जातें है तो मिलने पर पहला प्रश्न पूछते हैं कि अभी तक उनकी शादी क्यों नहीं हुई | क्या कोई फ्रैंड नहीं बना या वह इस लायक ही नहीं | उसके कितने ब्वाएे या गर्ल फ्रैंड्स हैं | शादी के बाद वह अपना सम्बंध बनाये रखेगी या तोड़ देगी | इसके भी कई अजीब परिणाम देखे गये हैं |
कभी कभी लड़का मिलते समय अपनी खामियों को छुपाने के लिये हर बात को हंसी में उड़ा देता है |अकलमंद को इशारा ही काफी होता है | कोई अपनी माँ का बेटा होता है | अर्थात जैसे माँ कहती है वैसा ही करता है | उसकी अपनी कोई राय ही नहीं होती | वह शादी तो करना चाहता है परन्तु किसी कारणवश अपने माँ बाप को छोड़ना नहीं चाहता या उसके माँ-बाप उसको छोड़ना नहीं चाहते | लेकिन लड़की को यह बिलकुल पसंद नहीं कि उसके जीवन में कोई हस्तक्षेप करे | वह शिक्षित है,थोड़ा बहुत अनुभव है | वह अपने तरीके से अपना घर संसार चलाना चाहती है | उनकी बात भी आगे नहीं बढ़ पाती |
कई लोगों का अतीत उनको आगे बढ़ने नहीं देता | उसके पास डिग्री,नौकरी,घर,भाई,बहनआदि है | लेकिन उसके माँ-बाप का अतीत उनके जीवन में बाधा बन जाता है | कहीं भी उसको सम्मान नहीं | पूरा जीवन खुशी ढूढ़ने में ही बीत जाता है | कितनी बार मुलाकातें करते है लेकिन उनका अतीत धोखा दे जाता है |
फिर यह प्रश्न रहता है कि वे योग्य वर या वधू कहाँ और कैसे ढूँढे | तब उनका ध्यान विदेश में बसे लोगों की तरफ़ जाता है |कई योग्य वर तथा वधू मिलने पर शादी कर विदेश में ही रहने चले जाते हैं ताकि कोई उनके जीवन में कोई कड़वाहट न भर दे | कोई कई वर्ष विदेश में रहने के बाद योग्य वर या वधू ढूँढ नहीं पाते | वापिस लौट कर साथी की खोज में लग जाते हैं | और शादी डॉट काम का सहारा लेते हैं |एक सप्ताह में शादी कर वापिस लौट जाते हैं |यह मालूम करना कठिन होता है की वह कुंवारा है या तलाकशुदा | फिर भी लोग चक्कर में आ जाते हैं कि वह जो कह रहा है सच ही होगा |कई बार लड़के-लड़कियां उनके झांसे में फंस ही जाते हैं | लड़की का अपना नसीब |
कई
अज़ीब किस्से | कोई भारी भरकम वाला एक पतली सी लड़की की खोज में है | तो
कोई पियक्कड़ झूमते हुये आता है तो कोई झूठ का सहारा ले कर | कोई अपनी दिनचर्या से
दुखी हो कर लड़की में अपना सुख ढूंढने आता है कोई ढूंढता है एक घर सँभालनेवाली,अथवा घर के काम-काज
में निपुण अथवा जो उसके वृद्ध और अशक्त माँ-बाप की देखभाल कर सके | लड़की के अरमानों
का कोई मूल्य नहीं | उसकी इच्छायों की कोई मान्यता ही नहीं | इन सब के परिणाम भी अच्छे
नहीं होते | वही परिणाम हत्या,आत्महत्या,सम्बंध विच्छेद,कोर्ट कचहरी के चक्कर | अथवा
लड़की अकेले ही अपना जीवन बिताने पर मज़बूर हो जाती है |
अगर
किसी को योग्य वर और वधू न मिली तो पूरी आयु अकेले में ही
बीत जाती है | फिर पीछे मुडकर देखने से कई लाभ नही |
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