Wednesday, March 5, 2014

जंगल में मंगल

 जंगल में मंगल      
आओ मिलकर जंगल बनाएं,
जंगल में रास्ते बनाएं,
एक किनारे नदी बहाएं
हरे छोटे ऊँचे पेड़ लगाएं
पेड़ के पीछे पहाड़ बनाएं,
पहाड़ के पीछे सूरज चमकाएं
पहाड़ों से झरने गिराएं,
पहाड़ों में गुफा बनाएं
जंगल में  जानवरों का खेल रचाएं
जंगल में मंगल मनाएं |

एक शेर ज़ोर से दहाड़ता आया
गुफा में अपना आसन जमाया
सभी जानवरों को वहां बुलाया
जानवरों का मन घबराया
शेर की सभा का पता लगाया |

हाथी सूंड हिलाता आया
घोड़ा हिनहिनाता आया,
दरियाई घोड़ा गड़गड़ाता आया
बाघ गुरगुर्राता आया
गैंडा फुनफुनाता आया
भेड़िया चीखता आया
ज़ीब्रा  सिंहनाद करता आया,
गोरिल्ला गुरगुर्राता आया
खरगोश किकियाते हुए आया
चूहा चरचराते आया
बंदर खोंखों करते आया
सूअर गुरगुर्राता आया
 कंगारू  धीरे धीरे आया
हिरन लम्बी छलांग लगाता आया
बड़ा निराला जानवर जिराफ आया
जंगल सुन्दर लगने लगा |

शेर निडर और  शक्तिशाली है
राजा बनना उसका अधिकार है
शेर ने सब का अभिनंदन किया
सब को बैठने का इशारा किया |

विशालकाय हाथी, सबसे  सयाना


बड़े बड़े पैर, लम्बी सूँड,बड़े कानवाला
छोटी छोटी आंखे, मोटे दांतोवाला
चिंघाड़ा और सारा जंगल गूंजने लगा |

हाथी ने शेर को  नमस्कार  किया
फिर सब को सम्बोधित किया
शेर को सब नमस्कार करो
सब अभिनंदन करो
उस की आज्ञा मानना अनिवार्य है
सबने शेर के आगे सिर झुकाया
शेर ने सब को अपनी बुद्धिमता के बारे में
 कुछ कुछ सुनाने के लिये कहा |

मुर्गा फटाफट उठ गया
और बांग लगाने लगा
कुकडूं कुकडूं  करने लगा

कौवा काँव काँव करने लगा
घड़े से पानी कैसे पिया
अपनी होशियारी बताने लगा |

हाथी नदी में पानी उछालने लगा
खुशी से चिंघाड़ने लगा
अपनी सूंड हिलाने लगा
वह दर्ज़ी की बात सुनाने लगा
दरियाई घोड़ा गड़गड़ाने लगा
भेड़िया चीखने लगा
बाघ गुर्राने  लगा
गैंडा फुनफुनाने लगा
वालरस कराहने लगा |

चूहा बिल से चरचराते आया
शेर को बंधन से कैसे छुड़ाया
झेंपते हुए घटना बता पाया

चूहे ने एक और बात सुनाई
उसने बिल्ली के गले में घंटी लगाई
बाकी चूहों की जान बचाई
चूहा इतराने लगा
मेंढक टरटराने लगा
गोरिल्ला गुरगुराने लगा


बड़े चालाक और चतुर खरगोश ने
हिचकिचाते हुए माफ़ी मांगते हुए 
धीरे से वह किस्सा सुनाया
शेर को कैसे एक कुएं में
उसकी परछायी दिखाकर बेवकूफ बनाया
सूअर चिचियाने  लगा
हिरन लम्बी छलांग लगाने लगा |
ज़ीब्रा सिंहनाद करने लगा |

खरगोश ने गजराज को नदी में चाँद दिखाया
अपने साथियों को मरने से बचाया
सब ने ठहाका लगाया
और सब को उतावला बनाया
भयानक कुत्ता भोंकने लगा
वाघ चोकन्ना होने लगा

बंदर ने पेड़ से छ्लांग लगाई
उस ने मगरमच्छ की चालाकी सुनायी    
और अपनी जान कैसे बचायी
मगरमच्छ घुरघुराने  लगा
रीछ गुरगुराने लगा
घोड़ा हिनहिनाने लगा

बंदर ने वह घटना सुनाई
कैसे दो बिल्लीयों की सारी रोटी खाई
गधा रेंगने लगा
जिराफ लम्बी गर्दन गूंगा और बहरा 
मिमियाने लगा पत्तियाँ खाने लगा  |

कछुआ धीरे- धीरे चलता आया
उस ने खरगोश को था हराया
दौड़ का सारा हाल सुनाया
कंगारू धीरे धीरे हंसने लगा
गीध चीखने लगा |

लोमड़ी छोटे पाँव,लम्बी दुम,छोटी आँख,
 चालाक मन की खोटी आगे आई
अपनी चतुरता की बात सुनाई
कौवे को कैसे मूर्ख बना आई

ऊँचा ऊँट रेत पर भागने लगा |

भालू स्वार्थी दोस्त की कहानी सुनाने लगा |
सीधा सादा भोला भाला
गधा अपना गीत गाने लगा
अपने शरीर से धूल झाड़ने लगा
कुएं में से कैसे बाहर निकला
बयान करने लगा
सियार  भयानक  आवाज  करने लगा
मेंढक टर्राने लगा |
कस्तूरी मृग बिना सींग वाला
लम्बी छ्लांग लगाने लगा
अकेला ही बैठने लगा |

बारहसिंगों  वाला अभिमानी हिरण
झाड़ियों में फंसने की बात बताने लगा
बड़ा सुस्त भालू नाचने लगा
चीता बड़ा फुर्तीला तेज़ छलांग लगाने लगा
पेड़ के नीचे घुरघुराने लगा

बड़े लम्बे कान वाला खच्चर
पहाड़ों पर सामान ढोने लगा |

पीली धारीदार वाला वाघ गुरगुराने लगा
वाघ बचाओ का नारा लगाने लगा
शेर बड़ा खुश होने लगा
सब को बँधाईयां देने लगा
सब  को शुभकामनाएं देने लगा  
सब ने शेर का धन्यवाद किया |

शाम सुहानी होने लगी
सुखद हवा चलने लगी,
पेड़ों के पत्ते झूलने लगे
कोई मधुर,कठोर,कोमल,
बेसुरी आवाज़ में राग अलापने लगे
गाने लगे आज़ादी अधिकार हमारा
जंगल कितना सुन्दर हमारा
है दिखता सब से न्यारा 
हम को है अति प्यारा
सब जानवर नाचते ,गाते
फिर मिलने का वादा करते
अपने स्थान को गये भागते ||
जंगल में मंगल प्रसिद्ध हो गया…………..     









                                                        

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