मैं देख लूंगा
कई लोगों की आदत होती है कि कुछ जाने अनजाने शब्द बोल देतें हैं .जैसे ”” आई नो , ओ आई सी . दैट्स वैरी गुड , टेक केयर ,क्या बात है ” आदि . ऐसे ही थे एक मिस्टर .क .उनकी भी कुछ अजीब आदत थी .. जब भी वह किसी से मिलते बातों ही बातों में एक बार अवश्य कह . देते .”’ मैं देख लूंगा .”’. कई बार वे तो मुसीबत में भी पड़ जाते . अथवा कई बार उनके मित्र चकरा जाते .कि उन्होंने ऐसा क्या कह दिया कि उनको चैलेंज कर चले गए. ,""में देख लूंगा "".कभी-कभी तो कोई मुक्केबाज़ी पर तैयार हो जाता. लेकिन मि. क की समझ में न आता कि लोग उनसे नाराज़ क्यों हो जाते हैं या इनके परिचित उनसे मिलने से क्यों कतराते हैं.
एक बार जब वे छोटे थे मित्रों के साथ खेलते हुए कह दिया “ मैं देख लूंगा . “’
मित्रों को गुस्सा आ गया कि वे बार -बार “” में देख लूंगा , में देख लूंगा ”” ,
कह कर किस बात की चुनौती दे रहे थे . लड़कों ने अपनी कमीज़ की बाहें चड़ा लीं और बरस पड़े “” बोल , तू अपने आप को क्या समझता है “” और अपनी हाकीयाँ उठा ली ..मिस्टर क . डर गए .
और वहां से भागते हुए घर आये और सोचने लगे कि उसमे उनकी क्या गलती थी .मित्रों ने भी चिल्ला कर कहा , “”तुम फिर खेलने आये तो हम भी देख लेंगे . ”” इस के बाद वे मित्रों के साथ कभी खेलने नहीं गए .
एक बार वे बनिए की दुकान पर सामान खरीदने गए . बनिए ने सामान बाँध दिया .
और कहा,” साहब ,बिल चैक कर लीजिये “” उन्होंने कहा ,””मै देख लूंगा “”.बनिए ने कहा ,”घर जा कर गलती मत निकालीयेगा “. उन्होंने फिर कह दिया ,” मैं देख लूंगा ” . और आधा सामान
लेकर घर आ गए .थोड़ी देर बाद ध्यान आया कि सामान तो चैक किया ही नहीं .सामान और बिल चैक किया तो बड़ी गड़बड़ी नज़र आई . वापिस सारा सामान लेकर बनिए की दूकान पर गए .और बनिए की लापरवाही बता कर गुस्सा होने लगे . बनिया गुस्सा होने की बजाये मुस्कराने लगा और बोला ,”मैं देख लूंगा .” मिस्टर क. झेंपते हुए सारा सामान ले कर घर लौट आए .
एक दिन अपने मित्र की शादी में गए .वर वधू को उपहार देते हुए शुभ्काम्न्नाएं दीं और स्टेज से नीचे उतरते हुए कह दिया ,”’मैं देख लूंगा वधू सोचने लगी कि वे क्या देख लेंगें .पार्टी के बाद पति से पूछा ,””आपके मित्र क्या देख लेंगे .”” आप उसे कब से जानते हैं .
वह पति से बहुत से प्रश्न करने लगी . वह स्वयं सोचने लगा कि कुछ गड़बड़ है . कहीं वह उसकी पत्नी को पहले से ही तो नहीं जानता . दोनों अपनी ही सोच में पड़े हुए थे .एक दिन उनकी पत्नी ने कहा ,””आप अपने मित्र को घर पर बुलवा कर पूछिए कि वे ऐसा क्या देख लेंगें .पति को अपनी पत्नी पर शक बढ गया कि वह किसी बहाने उसको घर में बुला रही थी . पति पहले तो इस बात को टालता रहा पर एक दिन अपने मित्र को घर पर बुलवा ही लिया .पत्नी ने चाय नाश्ते का प्रबंध किया . पति शक की नज़रों से पत्नी की तरफ देखता रहा . और पत्नी अपनी ही सोच में पडी थी कि पता नहीं वह क्या कहेगा .. मिस्टर क . आये . बहुत देर तक बातें चलती रही . पति - पत्नी एक दूसरे को बार -बार इशारा करते कि वह उस बात को कहे जिसके लिए उसे घर पर बुलवाया था . ताकि वे अपना शक दूर कर सके .बातों ही बातों में मिस्टर क . ने फिर कह दिया ,””मैं देख लूंगा .””झट से पति -पत्नी बोल पड़े ,”” क्या देख लोगे ?”” इस पर मिस्टर क . बोले ,””कुछ भी नहीं ””.मिस्टर क .घबरा गए . उठकर खड़े हो गए .और जाने लगे . पति ने
मिस्टर क . से पूछा कि वे बार -बार क्यों बोलते हैं “”मैं देख लूंगा ””. अब मिस्टर क . की समझ में आने लगा कि उनके बात करने में कुछ गलती है . उनके मित्र ने पूछा कि क्यों ऐसा बोल देते हैं जब उसका कुछ मतलब ही नहीं . मिस्टर क . ने बताया कि पता नहीं कब से ये शब्द बोलते आ रहे हैं . यह उनकी पुरानी आदत है .वे इससे खुद भी परेशान हैं . क्योंकि इसके कारण वे कई बार मुसीबत में पड़ चुके हैं . पति -पत्नी का शक दूर हुआ और मिस्टर क. से बोले कि वे भविष्य में बोलने से पहले सोच लिया करें . मिस्टर क . ने धन्यवाद कहा और बोले , “”मैं देख
लूंगा ””कहकर चले गए .
दोनों पति -पत्नी भी हंसकर कहने लगे , “” हम भी देख लेंगें .""
मिस्टर" क . अब जब भी बोलने लगते हैं अपने मुंह के आगे रुमाल रख लेते हैं और कोशिश करते हैं कि उनके मुंह से निकले हुए शब्द “”मैं देख लूंगा ””किसी को सुनाई न दे
---संतोष गुलाटी ----.